कर्पूरगौरं करुणावतारं | मन्दारमालाकुलितालकायै कपालमालांकितकन्धराय

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 कर्पूरगौरं करुणावतारं | KARPUR GAURAM KARUNAVTARAM LYRICS HINDI | मन्दारमालाकुलितालकायै कपालमालांकितकन्धराय

karpur gauram karunavtaram lyrics

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसारसारं

भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानी

सहितं नमामि ॥1॥

मन्दारमालाकुलितालकायै कपालमालांकितकन्धराय।

दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय॥2॥

श्री अखण्डानन्दबोधाय शोकसन्तापहारिणे।

सच्चिदानन्दस्वरूपाय शंकराय नमो नम:॥3॥


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कर्पूरगौरं करुणावतारं

कर्पूरगौरं करुणावतारं

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KARPUR GAURAM KARUNAVTARAM, SANSAARASAARAM
 BHUJAGENDRAHAARAM
SADAAVANNTAN  HRDAYAARAVINDE, BHAVAN  BHAVAANEE
SAHITAN  NAMAAMI .
MANDAARAMOOLAKULITAKAYAI
KAPAALAMLANKITAKANDARAAY.


DIVYAMBARAAYAI  CH  DIGAMBARAAY  NAM: SHIVAAYAI  CH  NAM: SHIVAAY RAAYA


इस अलौकिक मंत्र के प्रत्येक शब्द में  शिवजी की स्तुति की गई हैं इस मंत्र से भगवान शिवजी की स्तुति की जाती है। इसका अर्थ इस प्रकार है-कर्पूर गौरम करूणावतारम मंत्र का अ​र्थ

कर्पूरगौरं- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले।

करुणावतारं- करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं।

संसारसारं- समस्त सृष्टि के जो सार हैं।

भुजगेंद्रहारम्- इसका अर्थ है जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं।

सदा वसतं हृदयाविन्दे भवंभावनी सहितं नमामि- इसका अर्थ है कि जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं, उनको मेरा नमन है।

कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले, करुणा के अवतार, संसार के सार, सर्प का हार धारण करने वाले, वे भगवान शिव शंकर माता पार्वती के साथ मेरे हृदय में सदा निवास करें. उनको मेरा प्रणाम है.

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कर्पूरगौरं करुणावतारं

कर्पूरगौरं करुणावतारं lyrics


कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् lyrics

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


आ…


ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


आ…


ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


आ…


ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


आ…


ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि


—कोरस—

ॐ कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।

भवं भवानीसहितं नमामि

भवं भवानीसहितं नमामि

भवं भवानीसहितं नमामि






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कर्पूरगौरं करुणावतारं

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आखिर आरती के बाद यही मंत्र क्यों

ये माना जाता है कि भगवान शिव जी शमशान वासी हैं, उनका स्वरुप बहुत भयंकर और अघोरी प्रवत्ति वाला है । लेकिन, ये स्तुति बताती है कि उनका स्वरुप बहुत दिव्य और सुंदर है । भगवान शिव को सृष्टि का अधिपति माना गया है, वे मृत्युलोक के देवता हैं, उन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है, पशुपति का अर्थ है संसार के जितने भी जीव हैं (मनुष्य सहित) उन सब का अधिपति । ये स्तुति इसी कारण से गाई जाती है कि जो इस समस्त संसार का अधिपति है, वो हमारे मन में वास करे, शिव श्मशान वासी हैं, जो मृत्यु के भय को दूर करते हैं । 


KARPUR GAURAM KARUNAVTARAM | कर्पूर गौरम  मंत्र के फायदे

ऐसी मान्यता है कि पूजा के दौरान कोई कमी रह गई हो, तो उसकी पूर्ति के लिए मंत्र का उच्चारण करें. शिव श्मशान वासी हैं, जो मृत्यु के भय को दूर करते हैं. हमारे मन में शिव वास करें, मृत्यु का भय दूर हो


कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

मंगलम भगवान् विष्णु
मंगलम गरुड़ध्वजः |
मंगलम पुन्डरी काक्षो
मंगलायतनो हरि ||

सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके |
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||

त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देव


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Karpur Gauram Karunavtaram Mantra Meaning in English

karpūragauraṁ – The one who is as pure/white as camphor (Karpur).
karuṇāvatāraṁ – The personification of compassion.
sansārsāram – The one who is the essence of the world.
bhujagendrahāram – The one with the serpent king as his garland.
sadāvasantaṁ hṛdayāravinde – Always residing in the lotus-like heart. Where, Hridaya aravinde means, ‘in the heart, that is (as pure as) lotus’. Lotus, though born in the muddy waters, is untouched by the mud around it. Similarly, Lord Shiva always (Sada) resides (Vasantham) in the hearts of beings that are not affected by worldly matters.
bhavaṁ – To the Lord
bhavānīsahitaṁ namāmi – Accompanied by the Goddess Bhavani (A form of Goddess Parvati, Shiva’s), 




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