'गाजा में निर्दोष लोगों को मार रहे...' अब जॉर्डन ने भी इजरायल से तोड़े संबंध! वापस बुलाया अपना राजदूत
गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में नागरिकों की मौत के विरोध में जॉर्डन ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. विदेश मंत्री अयमान अल-सफादी ने दूत रसन अल-माजली को इजरायल से वापस अम्मान लौटने के लिए कहा है.
बयान जारी करते हुए जॉर्डन के विदेश मंत्री ने कहा कि गाजा पर उग्र इजरायली युद्ध की अस्वीकृति और निंदा की जानी चाहिए. इजरायल निर्दोष लोगों को मार रहा है और एक अभूतपूर्व मानवीय तबाही का कारण बन रहा है.
जॉर्डन ने इजरायल के विदेश मंत्रालय से यह भी कहा कि वह अपने राजदूत रोजेल रचमन को बता दें (जिन्हें जॉर्डन में सुरक्षा खतरों के कारण अस्थायी रूप से इजरायल वापस बुलाया गया था) कि वे वापस अम्मान न लौटें.
बयान के मुताबिक, "राजदूतों की वापसी इजरायल द्वारा गाजा पर अपना युद्ध रोकने और उसके कारण होने वाली मानवीय तबाही और उसके सभी कदमों को रोकने से जुड़ी होगी, जो अपनी जमीन पर सुरक्षित और स्थिर रहने के लिए फिलिस्तीनियों को उनके भोजन, पानी, दवा और उनके अधिकार से वंचित करते हैं."
वहीं इजरायल ने कुछ घंटों बाद इस पर सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया व्यक्त की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियोर हयात के एक ट्वीट में केवल इतना कहा गया है कि उन्हें इस फैसले पर "खेद" है.
बता दें कि जॉर्डन से पहले कोलंबिया और चिली ने भी अपने राजदूतों को इजरायल से वापस बुला लिया था. वहीं बोलीविया ने मंगलवार रात को इजरायल के साथ सभी राजनयिक संबंधों को खत्म करने का ऐलान किया था.
इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से जारी है जंग
गौरतलब है कि सात अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमला कर दिया था. इसके तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था. इन दो हफ्तों की जंग में गाजा पट्टी पूरी तरह से तबाह हो गई है.
इजरायल और हमास जंग में मरने वालों फिलिस्तीनी नागरिकों की संख्या बढ़कर 8306 हो गई है. अब तक गाजा के 23 लाख में से आधे नागरिकों ने अपना घर छोड़ दिचा है. इस जंग में 1400 से अधिक लोग घायल हुए हैं. हमास के लड़ाकों ने 200 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है. हमास का दावा है कि इजरायली बमबारी में 50 से ज्यादा बंधकों की मौत हो गई है.