Shri Shani Dev Ji Ki Aarti Lyrics | जय जय शनि देव मंत्र

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 जय जय शनि देव भक्तन हितकारी भजन, Shri Shani Dev Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi and English

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इस दिन शनि देव की पूजा शनि के प्रकोप को दूर करने के लिए की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जब शनि देव किसी व्यक्ति पर प्रसन्न होते हैं, तो वह उनके सभी दुखों को दूर कर देते हैं। धार्मिक शास्त्रों में शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है। शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि देव के अशुद्ध प्रभाव के कारण व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

Shri Shani Dev Ji Ki Aarti Lyrics
Shri Shani Dev Ji Ki Aarti Lyrics

Shri Shani Dev Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
जय जय श्री शनिदेव ॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
जय जय श्री शनिदेव ॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
जय जय श्री शनिदेव ॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
जय जय श्री शनिदेव ॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
जय जय श्री शनिदेव ॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
जय जय श्री शनिदेव ॥

Shri Shani Dev Ji Ki Aarti Lyrics in English

Jai Jai Shri Shani Dev Bhaktan Hitkari,
Suraj Ke Putra Prabhu Chaya Mehatari.
Jai Jai Shri Shani.

Shyam Ank Vakra Drisht Chaturbhurja Dhari,
Nilamber Dhar Nath Gaj Ki Aswari.
Jai Jai Shri Shani.

Krit Mukut Sheesh Sahej Dipat Hain Lilari,
Muktan Ki Mala Gale Shobhit Balihari.
Jai Jai Shri Shani.

Modak Mishtaan Pan Chadhat Hain Supari,
Loha, Til, Urad Mahishi Ati Pyari.
Jai Jai Shri Shani.

Modak Mishtaan Pan Chadhat Hain Supari,
Loha, Til, Urad Mahishi Ati Pyari.
Jai Jai Shri Shani.

Dev Danuj Rishi Muni Surat Nar Nari,
Vishwanath Dharat Dhayan Sharan Hain Tumhari.
Jai Jai Shri Shani.

जय शनि देव मंत्र | Shani Mantra

शनि प्रकोप से सभी व्यक्ति बचना चाहते हैं। जहां शनि को सबसे क्रूर माना जाता है, वहीं इन्हें न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। शनि देव को यह उपाधि देवों के देव महादेव ने दी है। शनि देव व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं। जीवन में सुख, शांति, समृद्धि आदि के लिए शनि देव की कृपा बहुत जरूरी है। जिस भी भक्त को इनका आशीर्वाद मिल जाए, उसके जीवन के दुःख दूर हो जाते हैं।

1. सामान्य मंत्र

ॐ शं शनैश्चराय नमः।


2. शनि बीज मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।


3. शनि दोष निवारण मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।


4. शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥ 


5. सेहत के लिए शनि मंत्र

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।


6. शनि का वैदिक मंत्र

ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।


शनि देव की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।


जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।
तुम सूर्य पुत्र बलिधारी, भय मानत दुनिया सारी ।
साधत हो दुर्लभ काज ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।

तुम धर्मराज के भाई, जब क्रूरता पाई ।
घन गर्जन करते आवाज ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।

तुम नील देव विकराली, है साँप पर करत सवारी ।
कर लोह गदा रह साज ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।

तुम भूपति रंक बनाओ, निर्धन स्रछंद्र घर आयो ।
सब रत हो करन ममताज ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।

राजा को राज मितयो, निज भक्त फेर दिवायो ।
जगत में हो गयी जय जयकार ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।

तुम हो स्वामी हम चरणं, सिर करत नमामी जी ।
पूर्ण हो जन जन की आस ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।

जहाँ पूजा देव तिहारी, करें दीन भाव ते पारी ।
अंगीकृत करो कृपाल ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।

कब सुधि दृष्टि निहरो, छमीये अपराध हमारो ।
है हाथ तिहारे लाज ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।


हम बहुत विपत्ति घबराए, शरणागत तुम्हरी आये ।
प्रभु सिद्ध करो सब काज ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।

यहाँ विनय करे कर जोर के, भक्त सुनावे जी ।
तुम देवन के सिरताज ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।




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